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आदमी भिखारी से : अरे ये तुम इतना बन ठान के कहाँ जा रहे हो
भिखारी : साहब आज मैंने नाके पे सभी भिखारी भाइयों को पार्टी दी है आज नाके पे नया मंदिर खुला है
आदमी : अच्छा ?? पर पार्टी क्यूँ
भिखारी : साहब बहुत दिन सबसे पीछे बैठके भीख मांगके पैसे जोड़ जोड़ के मैंने ही तो मंदिर बनवाया है बड़ी तमन्ना थी की मंदिर के दरवाज़े पे ही बैठूं
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